एक अंडे में 13 जरूरी विटामिन और उच्च क्वालिटी का प्रोटीन होता है जिससे शिशु के विकास में मदद मिलती है। बच्चों के लिए अंडा बहुत फायदेमंद होता है लेकिन उन्हें अंडा खिलाने से पहले आपको ये जरूर जान लेना चाहिए कि बच्चों को किस उम्र में अंडा खिलाना शुरू करना चाहिए और इसे खिलाने का सही तरीका एवं फायदे और नुकसान क्या हैं।
तो चलिए जानते हैं कि बच्चों को अंडा खिलाना कब शुरू करना चाहिए और कितनी मात्रा में अंडे का सेवन सुरक्षित रहता है।
कुछ अध्ययनों में सामने आया है कि अंडे की जर्दी आठ महीने के बच्चे को खाने के लिए दी जा सकती है। हालांकि, अंडे का सफेद हिस्सा 12 महीने के बाद ही देना सही रहता है। फिलहाल अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (एएपी) के अनुसार जब बच्चा ठोस आहार खाना शुरू कर दे, तभी से उसे अंडा दिया जा सकता है। एएपी का ये भी कहना है कि चार से 6 महीने के बच्चों को अंडा पका कर देने से उनमें एग एलर्जी को रोका जा सकता है।
अंडे में कैल्शियम, सिलेनियम और जिंक जैसे कई खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद मिलती है। बच्चों में नई कोशिकाओं का उत्पादन महत्वपूर्ण होता है और अंडे में फोलेट होता है जो कि कोशिकाओं के पुर्नउत्पादन का काम करता है। एक साल से कम उम्र के बच्चे को अंडे का सफेद भाग खाने को न दें।
अंडे की जर्दी में कोलाइन और कोलेस्ट्रोल होता है जिसका संबंध शिशु के मस्तिष्क के विकास से होता है। कोलेस्ट्रोल फैट को पचाने का काम करता है। कोलाइन हृदय और तंत्रिका तंत्र को ठीक तरह से कार्य करने में सहायता प्रदान करता है।
अंडे में ल्यूटिन और जीएक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ल्यूटिन आंखों को हानिकारक रोशनी और अल्ट्रावायलेट किरणों से पहुंचने वाले नुकसान से बचाता है। ये दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट आंखों को कमजोर होने से रोकते हैं।
एक कच्चे या 50 ग्राम के अंडे में 12.56 ग्राम प्रोटीन, 9.51 ग्राम फैट, 56 मि.ग्रा कैल्शियम, आयरन 1.75 मि.ग्रा, जिंक 1.29 ग्राम, सिलेनियम 30.7 माइक्रोग्राम, फोलेट 47 माइक्रोग्राम, कोलाइन 293.8 मि.ग्रा, विटामिन ए 168 माइक्रोग्राम, कोलेस्ट्रोल 372 मि.ग्रा और ल्यूटिन और जीएक्सैंथिन 503 माइक्रोग्राम होता है।
जी हां, बच्चों को रोज अंडा खिला सकते हैं। अब ये बच्चे की उम्र और आहार पर निर्भर करता है कि उसे एक दिन में कितने अंडे खिला सकते हैं। बेहतर होगा कि आप अपने बच्चे को एक दिन में एक से ज्यादा अंडा न खिलाएं। इस बारे में आप पीडियाट्रिशियन से भी सलाह ले सकते हैं।
अगर बच्चे को अंडे सेे एलर्जी होगी तो आपको उसमें उल्टी, पेट में ऐंठन, अपच, दस्त, बार-बार खांसी, गला बैठना और हाइव्स के लक्षण दिख सकते हैं।
ज्यादा गंभीर एलर्जी होने पर शिशु को सांस लेने में दिक्कत, पल्स कमजोर होना, त्वचा का पीला या नीला पड़ना, जीभ या होंठों पर सूजन, चक्कर आने की समस्या हो सकती है। बच्चे के इम्यून सिस्टम पर निर्भर करता है कि उसे कितनी गंभीर एलर्जी हो सकती है।
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