भारतीय ठगी के बारे में हर कोई क्या जानना चाहिए?
हर दिन नई‑नई धोखाधड़ी के केस सामने आते हैं, लेकिन कई बार हम उन्हें पहचान नहीं पाते। अगर आप भी ऑनलाइन खरीदारी, बैंक ट्रांसफ़र या फोन कॉल से जुड़ी फसलें का शिकार नहीं बनना चाहते, तो इस गाइड को ज़रूर पढ़ें। यहाँ हम सबसे आम ठगी के तरीके, उनके चेतावनी संकेत और बचाव के आसान उपाय बताएँगे।
सबसे आम भारतीय ठगी के प्रकार
1. वॉलेट मैसेंजर स्कैम – WhatsApp, Telegram या Instagram पर अंजाने लोगों से मिलने वाले मैसेज में ‘सरकारी योजना’, ‘इनाम’ या ‘सरल पैसे कमाने’ का वादा किया जाता है। अक्सर वे लिंक पर क्लिक करने या व्यक्तिगत जानकारी देने को कहते हैं।
2. ऑनलाइन शॉपिंग फाइलिंग – खरीदार को ‘डिस्काउंट’ या ‘फ्री डिलीवरी’ का झूठा ऑफ़र दिखाकर फ़ाइनल चेकआउट में उच्च राशि भरवाते हैं, फिर वेबसाइट बंद हो जाती है।
3. बैंकिंग फोन कॉल – कोई आपके बैंक का कर्मचारी दिखते हुए खाता बंद करने या सस्पेंड करने की जरूरत बताता है और OTP या पासवर्ड माँगता है।
4. भुगतान गेटवे रिफंड जाल – आपको बताया जाता है कि आपका भुगतान फेल हो गया, फिर ‘रिफंड’ के लिए फॉर्म भरने को कहा जाता है, जिससे आपका डेटा चोरी हो जाता है।
चेतावनी संकेत और बचाव के आसान कदम
• असमंजस लिंक्स या फ़ाइलें – मैसेज में अनजान लिंक पर क्लिक न करें। अगर URL में .com के बजाय .tk, .xyz आदि है, तो सावधान रहें।
• तुरंत कार्रवाई का दबाव – “अभी नहीं तो मौका नहीं मिलेगा” जैसी बातों से वंचित न हों। वैध कंपनियां कभी भी ऐसे दबाव नहीं डालतीं।
• व्यक्तिगत जानकारी का अनुरोध – आपका बैंक पासवर्ड, OTP, या पैन नंबर कभी भी फोन या मैसेज पर न माँगा जाए। ऐसा करने वाला कोई भी वैध नहीं हो सकता।• भुगतान तरीका बदलना – अगर विक्रेता ने “कुल राशि का भुगतान गिफ्ट कार्ड या क्रिप्टो में करें” कहा, तो यह ठगी की संकेत है।
• सुनिश्चित करें कि वेबसाइट HTTPS से शुरू होती है – URL में ‘https://’ और पैडलॉक आइकन देखें। अगर नहीं है, तो डेटा चोरी का जोखिम बढ़ता है।
बचाव के लिए आप ये कदम उठा सकते हैं:
1. **संकल्पित विषय पर रिसर्च** – कंपनी या स्कीम के बारे में गूगल पर रिव्यू देखें। अगर बहुत सारी शिकायतें हैं, तो दूर रहने से फायदेमंद होगा।
2. **दो‑फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू करें** – आपका OTP सिर्फ आपके मोबाइल पर आता है, जिससे खाते की सुरक्षा बढ़ती है।
3. **एक भरोसेमंद एंटी‑वायरस एप्प इंस्टॉल करें** – फ़िशिंग और मैलवेयर से बचाव के लिए यह मददगार है।
4. **स्थानीय पुलिस या साइबर सैल्यूटेशन सेल में रिपोर्ट करें** – यदि आप ठगी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत रिपोर्ट करें ताकि आगे जांच हो सके।
5. **भरोसेमंद भुगतान गेटवे का उपयोग करें** – पेटीएम, गूगल पे, फोनपे जैसी आधिकारिक सेवाओं से ही भुगतान करें।
ठगी की प्रारंभिक पहचान और त्वरित प्रतिक्रिया सबसे बड़ी सुरक्षा है। ऊपर बताए गए संकेतों को याद रखिए और अपना डेटा सुरक्षित रखिए। जब तक आप सतर्क रहेंगे, ठगी को आपके जीवन में जगह नहीं मिलेगी।