भारतीय सर्वोच्च न्यायालय क्या है और इसका काम क्या है?

सुप्रीम कोर्ट भारत की सबसे ऊँची अदालत है। इसे हाई कोर्ट भी कहते हैं, पर इसका अधिकार पूरे देश में फैलता है। अगर कोई राज्य की अदालत या हाई कोर्ट का फैसला गलत लगता है, तो आप सीधे यहाँ अपील कर सकते हैं।

यहाँ पर सिर्फ़ कानूनी सवाल नहीं, बल्कि इनसे जुड़े सामाजिक और राजनीतिक पहलू भी देखे जाते हैं। इसलिए हर बड़े फैसले में जनता की ज़िंदगी बदल सकती है।

सुनवाई की प्रक्रिया कैसे चलती है?

सबसे पहले वकील लिखित दावा (पीटिशन) कोर्ट में जमा करता है। फिर कोर्ट केस को पढ़ता है और तय करता है कि उसे सुनवाई चाहिए या नहीं। अगर हाँ, तो दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए एक तारीख दी जाती है।

सुनवाई में वकील अपने-अपने तर्क रखते हैं, गवाहों को पूछते‑पुछते हैं और दस्तावेज़ पेश करते हैं। सब सुनने के बाद जज अपने विचार लिखते हैं और फैसला देते हैं। यह फैसला लिखित रूप में प्रकाशित होता है, जिससे हर कोई उसे पढ़ सके।

मुख्य फैसले और उनका असर

सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। उदाहरण के तौर पर, कतिपय फैसलों ने व्यक्तिगत अधिकारों को मजबूत किया, जैसे कि महिलाओं के लिए अधिकार, पर्यावरण संरक्षण और डिजिटल गोपनीयता। इन फैसलों ने नयी नीतियों को जन्म दिया और अक्सर संसद में कानून बनाने में मदद की।

एक और बड़ा फैसला था "हिंदी को राजभाषा मानने" का, जिसने भाषा के उपयोग को आसान बनाया। ऐसे फैसले लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सीधे असर डालते हैं, चाहे वो चुनाव के नियम हों या शिक्षा नीति।

अगर आप सोचते हैं कि अपने केस में सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेना कठिन होगा, तो याद रखें कि कई NGOs और कानूनी सहायता केंद्र मदद के लिए उपलब्ध हैं। वे मुफ्त में सलाह देते हैं और फाइलिंग प्रक्रिया में मदद करते हैं।

अंत में, यह समझना जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट केवल बड़े मामलों को नहीं देखता। अक्सर छोटे‑छोटे मामलों में भी बड़े बदलाव होते हैं। इसलिए अगर आपका कोई अधिकार उल्लंघन हुआ है, तो हार मत मानिए, मदद उपलब्ध है।

क्या भारतीय सर्वोच्च न्यायालय भारतीय राष्ट्रपति को हटा सकता है?

क्या भारतीय सर्वोच्च न्यायालय भारतीय राष्ट्रपति को हटा सकता है?

मेरे ब्लॉग का विषय "क्या भारतीय सर्वोच्च न्यायालय भारतीय राष्ट्रपति को हटा सकता है?" का अध्ययन करता है। इसमें मैंने भारतीय संविधान और उसकी व्याख्या पर विचार किया है। मेरे अनुसार, भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के पास सीधे राष्ट्रपति को हटाने की शक्ति नहीं होती है, लेकिन यदि महाभियोग प्रक्रिया के माध्यम से संविधान सभा द्वारा आरोप लगाए जाते हैं, तो वह उन्हें समीक्षा कर सकता है। यह एक कठिन और जटिल प्रक्रिया होती है जिसमें भारतीय संविधान के विभिन्न धाराओं का इस्तेमाल होता है।

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