चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने Lockdown 4.0 में बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अब कोई जिला रेड जाेन (Red zone) में नहीं रह गया है और सभी 22 जिलों को ऑरेंज जोन (Orange zone) घोषित किया है। ऐसे में हरियाणा में अब औद्योगिक सहित सभी प्रकार की कामर्शियल गतिविधियों को शुरू किया जा सकता है। कोविड-19 को लेकर जोन तय करने के अधिकार केंद्र सरकार ने राज्यों को दे दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई समीक्षा बैठक के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्यों को ही जोन तय करने के अधिकार देने का सुझाव दिया था, जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया है।
केंद्र ने जोन तय करने के लिए जो पैरामीटर तय किए हैं, उनके बारे में सभी राज्यों को सूचित कर दिया है। प्रदेश में अंबाला और यमुनानगर दो जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना का कोई भी केस नहीं है, लेकिन फिर भी यह दोनों जिले अभी ऑरेंज जोन में ही रहेंगे। कम से कम 21 दिनों तक कोरोना का कोई पॉजिटिव केस नहीं मिलने के बाद ही इन जिलों को ग्रीन जिले घोषित किया जाएगा।
जिला स्तर पर जोन बनाने की तैयारी में सरकार, सब डिविजन में जोन संभव नहीं
लॉकडाउन के चौथे चरण में राज्य सरकार खुद तय करेगी कि जोन व्यवस्था को जिला स्तर पर लागू करना है या सब-डिविजन स्तर पर भी ले जाया जा सकता है। हरियाणा में अभी तक जिलों के हिसाब से डॉटा तैयार किया गया है। ऐसे में जोन भी जिलों के स्तर पर ही बनेंगे। फिलहाल सब-डिविजन स्तर पर जोन तय करने के लिए हरियाणा तैयार नहीं है।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के अनुसार रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन तय करने के अधिकार अब केंद्र ने राज्यों को ही दिए हैं। केंद्र के पैरामीटर के हिसाब से प्रदेश के सभी 22 जिले ऑरेंज जोन में आएंगे। प्रदेश में क्या-क्या गतिविधियां शुरू होंगी, इसका फैसला मुख्यमंत्री करेंगे। मुख्यमंत्री जो भी तय करेंगे, उसे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
नई दिल्ली की वजह से फैले संक्रमण के बाद गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत व झज्जर जिलों को रेड जोन में माना जा रहा था, लेकिन यह चारों जिले भी ऑरेंज जोन में ही आ गए हैं। रेड जोन को क्रिटिकल माना जाता है। अब केंद्र ने तय किया है कि जिस जिले में 200 से अधिक कोविड-19 के पॉजिटिव केस हैं, उसी जिले को क्रिटिकल जोन में माना जाएगा। एक लाख तक की आबादी पर भी अगर 15 एक्टिव केस हैं तो उसे भी क्रिटिकल जोन कहेंगे।
कोरोना पॉजिटिव केस अगर सात दिनों में डबल हो रहे हैं तो यह क्रिटिकल जोन में जाने का रास्ता होगा। छह प्रतिशत से अधिक मृत्यु दर को भी क्रिटिकल स्थिति माना जाएगा। एक लाख लोगों पर अगर 65 ही टेस्ट हो रहे हैं तो यह प्रदेश के लिए क्रिटिकल होगी। हरियाणा में एक लाख पर 313 लोगों के टेस्ट हो रहे हैं। कोविड-19 के सेंपल की पॉजिटिव रिपोर्ट आने का प्रतिशत भी अगर छह है तो क्रिटिकल पॉजिशन मानी जाएगी। हरियाणा में यह रेट महज 1.22 प्रतिशत है।
रेड से ऑरेंज जोन में ऐसे आया गुरुग्राम
हरियाणा में गुरुग्राम प्रदेश का अकेला ऐसा जिला है, जहां पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 200 पार हुआ। राहत वाली बात यह है कि करीब 50 प्रतिशत यानी अभी तक 104 मरीज ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज भी हो चुके हैं। गुरुग्राम में कोविड-19 के एक्टिव केस 105 के करीब हैं। ऐसे में गुरुग्राम भी ऑरेंज जोन में ही शामिल रहेगा। 100 से अधिक कुल केस वाले जिलों में फरीदाबाद (147) व सोनीपत (135) शामिल हैं। इनमें से फरीदाबाद में 77 और सोनीपत में 75 मरीज ठीक हो चुके हैं।
10 से कम एक्टिव केस वाले 16 जिले
हरियाणा के कुल 16 जिले ऐसे हैं, जिनमें एक्टिव मरीजों की संख्या 10 से कम है। पलवल में तीन, भिवानी, चरखी दादरी व कैथल में तीन-तीन, पानीपत व जींद में पांच-पांच, पंचकूला व सिरसा में दो-दो, करनाल, रोहतक व महेंद्रगढ़ में आठ-आठ, फतेहाबाद व नूंह में सात-सात, रेवाड़ी में नौ तथा कुरुक्षेत्र व हिसार में केवल एक-एक एक्टिव मरीज हैं। चार जिलों में 37 से लेकर 100 तक एक्टिव मरीज हैं, जबकि यमुनानगर व अंबाला में अब एक भी मरीज नहीं है।
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