Navratri 2025 के रंग: माँ दुर्गा के 9 रूपों के साथ आध्यात्मिक पेंटिंग्स की गाइड

Navratri 2025 के रंग: माँ दुर्गा के 9 रूपों के साथ आध्यात्मिक पेंटिंग्स की गाइड

शारदीय नवरात्रि भारत में सबसे रंगीन और भक्तिपूर्ण पर्वों में से एक है। इस साल Navratri 2025 22 सितंबर से 30 सितंबर तक नौ दिनों तक चलेगी, और उसके बाद 2 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। प्रत्येक दिन एक विशिष्ट माँ दुर्गा के रूप को समर्पित है और उस रूप की ऊर्जा को दाबाने के लिए एक विशेष पवित्र रंग निर्धारित किया गया है। इन रंगों को परिधान, घर की सजावट और पूजा की सामग्री में शामिल करके भक्तों को आध्यात्मिक संतुलन और माँ के अनुग्रह का अनुभव मिलता है।

रंगों की आध्यात्मिक महत्ता

प्रत्येक रंग का अपना प्रतीकात्मक अर्थ है, जो उस दिन की देवी के गुणों को दर्शाता है। नीचे नौ दिनों के रंग और उनके अर्थ बताए गए हैं:

  • दिन 1 – 22 सितंबर – सफेद (माँ शैलपुत्री): शुद्धता, शांति और आंतरिक शांति का प्रतिनिधित्व करता है। सफेद वस्त्र पहनने से आत्मा को शुद्ध करने में मदद मिलती है।
  • दिन 2 – 23 सितंबर – लाल (माँ ब्रह्मचारिनी): ऊर्जा, साहस और जोश का रंग। लाल रंग जीवन में सिद्धि और शक्ति लाता है।
  • दिन 3 – 24 सितंबर – रॉयल ब्लू (माँ चंद्रघंटा): आध्यात्मिक शांति, विश्वास और समृद्धि को बढ़ाता है। यह नकारात्मक भावनाओं को दूर करता है।
  • दिन 4 – 25 सितंबर – पीला (माँ कूष्मांडा): उज्ज्वलता, आशावाद और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है, जो जीवन में खुशहाली लाता है।
  • दिन 5 – 26 सितंबर – हरा (माँ स्कंदमाता): विकास, सामंजस्य और नई शुरुआत का रंग, जिससे सकारात्मक परिवर्तन को अपनाना आसान हो जाता है।
  • दिन 6 – 27 सितंबर – ग्रे (माँ Katyayani): संतुलन, स्थिरता और तटस्थता को दर्शाता है, जो आध्यात्मिक यात्रा में शांति प्रदान करता है।
  • दिन 7 – 28 सितंबर – नारंगी (माँ कालरात्रि): उत्साह, ऊर्जा और परिवर्तन का रंग, जो साहस और शक्ति को जगाता है।
  • दिन 8 – 29 सितंबर – मयूर हरा (माँ महागौरी): सुंदरता, अनुग्रह और दिव्य चमक का प्रतीक, जो शुद्धता और तेज लाता है।
  • दिन 9 – 30 सितंबर – गुलाबी (माँ सिद्धिदात्री): करुणा, प्रेम और स्त्री शक्ति का रंग, जिससे जीवन में पूर्णता और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।

रंगों को अपनाने के व्यावहारिक सुझाव

रंगों को केवल कपड़ों में नहीं, बल्कि घर के कोनों, पूजा थाली और उपहारों में भी शामिल किया जा सकता है। नीचे कुछ आसान टिप्स दी गई हैं:

  • हर दिन के अनुसार साड़ी, कुर्ता या सलवार‑कमीज़ में प्रमुख रंग चुनें। यदि पूरा पोशाक नहीं, तो स्कार्फ या बैंडन जैसे छोटे एक्सेसरीज़ से भी प्रभाव डाल सकते हैं।
  • घर की सजावट के लिए रंगीन फूल, रिबन, दीयों या रथ के फलकों का प्रयोग करें। उदाहरण के तौर पर, दिन 4 पर पीले कमल और दिन 7 पर नारंगी चमकीले मखमल के कुशन रख सकते हैं।
  • पूजा में उपयोग होने वाले सामग्री जैसे नैवेद्य, फुलवारी और दीये को भी उसी रंग में चुनें। लाल चावल, नीली पन्नी के फूल या हरी पत्तियों का उपयोग कर पवित्रता बढ़ाई जा सकती है।
  • बच्चों के लिये रंगीन बैनर या फोर्ज़ी बनाकर वातावरण को और जीवंत बनाया जा सकता है। इससे पूरे परिवार में उत्सव की भावना विकसित होती है।
  • यदि बजट सीमित है, तो पुराने कपड़ों को रंगीन पेंट या फैब्रिक डाई से जल्दी से री‑कलर कर सकते हैं। यह इको‑फ्रेंडली और किफायती उपाय है।

इन छोटे‑छोटे प्रयासों से न केवल उत्सव का स्वर अधिक उल्लासपूर्ण बनता है, बल्कि माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों के साथ सच्चा आध्यात्मिक संबंध भी स्थापित होता है। इस नवरात्रि में रंगों के माध्यम से अपने जीवन में शांति, ऊर्जा और सकारात्मक परिवर्तन लाना न भूलें।