World Hypertension Day:कोविड-19 से कई गुना बढ़ा हाइपरटेंशन का खतरा
World Hypertension Day: हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर माना जाता है। दिल-दिमाग में रक्त के बहाव को अनियंत्रित करने वाली यह बीमारी कई बार जानलेवा साबित होती है। अध्ययनों के मुताबिक, देश की 30 फीसदी आबादी उच्च रक्तचाप की बीमारी से पीड़ित है। दुनियाभर में इस बात को लेकर रिसर्च चल रही है कि क्या उच्च रक्तचाप पीड़ितों के लिए कोरोना ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। इस बीच, आईसीएमआर के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना संक्रमण से मरे लोगों में एक तिहाई हाइपरटेंशन से पीड़ित थे।
कोविड-19 बीमारी के बीच लगातार इस बात के दावे किए जाते रहे हैं कि उच्च रक्तचाप के मरीजों में संक्रमण का खतरा उन लोगों की तुलना में अधिक होता है, जिन्हें उच्च रक्तचाप नहीं है। चीन में कोरोना से सबसे ज्यादा ऐसे लोगों की जान ली जिन्हें दिल या फेफड़ों की बीमारी थी। इसके बाद डायबिटीज और हाइपरटेंशन का नंबर था। आंकड़े बताते हैं कि भारत में कोरोना से मरने वालों में से 86 फीसदी लोगों में एक जैसे लक्षण मिले हैं। इनमें एक तिहाई से ज्यादा को डायबिटीज और हाइपरटेंशन दोनों था।
लेकिन चिंता की जरूरत नहीं-
विश्व उच्च रक्तचाप लीग (डब्ल्यूएचएल) द्वारा मार्च 2020 में जारी जर्नल के अनुसार, अब तक इसका कोई प्रमाण नहीं है कि हाइपरटेंशन होने पर कोरोना ज्यादा जानलेवा हो जाता है। डब्ल्यूएचएल ने साथ ही कहा कि उच्च रक्तचाप की दवाओं से कोविड-19 बीमारी की गंभीरता बढ़ाने की बात भी सही नहीं है। इसलिए दवाओं को बदलने की आवश्यकता नहीं है। कोरोना से खुद को बचाने के लिए सामान्य दिशा-निर्देश का पालन करें।
डराते आंकड़े-
– भारत में कोरोना के कारण मरने वालों में 56% डायबिटीज के मरीज थे
– 47% में हाइपरटेंशन और 16% में डायबिटीज के साथ दिल की बीमारी थी
– मुंबई में कोरोना से 87 फीसदी मौतें हाई बीपी और डायबिटीज के कारण
– 30% उच्च रक्तचाप के रोगी थे कोरोना मृतकों में दुनिया में।
(स्रोत-आईसीएमआर, विश्व उच्च रक्तचाप लीग और अमेरिकन जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन)
क्या होता है उच्च रक्तचाप-
हमारे शरीर में मौजूद रक्त नसों/धमनियों में लगातार संचरण करता है। रक्त प्रवाह की वजह से नसों पर पड़ने वाला दबाव ब्लड प्रेशर या रक्तचाप कहलाता है। इसका घटना-बढ़ना हृदय की गति और नसों/धमनियों अवरोधों पर निर्भर करता है। सामान्य सामान्य स्थिति में रक्त प्रवाह 120/80 से 140/90 के बीच रहता है।
देश का हाल-
करीब 30 फीसदी आबादी का ब्लड प्रेशर सामान्य से ज्यादा
55 से ज्यादा उम्र वाले 60 फीसदी लोग हाइपरटेंशन पीड़ित
12% शहरी व 8% ग्रामीण आबादी में डायबिटीज-हाइपरटेंशन
113 करोड़ के करीब लोग दुनियाभर में रक्तचाप की बीमारी के शिकार
2005 में 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाने की शुरुआत हुई
2025 तक उच्च रक्तचाप के प्रसार में 25% कमी का लक्ष्य डब्ल्यूएचओ का
कहां कितने मरीज-
22% दुनियाभर में
– 27% अफ्रीका
– 25% दक्षिण एशिया
– 23% यूरोप
– 18% अमेरिका
– 19% पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र
– 26% पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र
(स्रोत : डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय आंकड़े-2019)
ये भी जानें-
– प्रत्येक चार पुरुषों में से एक उच्च रक्तचाप का रोगी है औसतन
– प्रत्येक पांच स्त्रियों में से एक उच्च रक्तचाप की पीड़ित है औसतन
इनका बढ़ता है खतरा-
– समय पूर्व मौत
– हार्ट अटैक
– स्ट्रोक
– किडनी निष्क्रिय
– अंधापन
– अन्य जटिलताएं
कैसे नियंत्रित करें-
– चिकित्सकों की सलाह मानें और निर्धारित दवाएं समय पर लें
– खुद को तनावमुक्त रखने के साथ नियमित तौर पर जांच भी कराएं
इनका पालन जरूरी-
– भोजन में नमक और वसा वाले पदार्थों मात्रा कम रखें, हरी-सब्जियों और फलों का सेवन करें।
– धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें,