बिहार 2025 चुनाव: कांग्रेस के अशोक गहलोत ने RJD से एकता का आश्वासन, सीट‑साझा झगड़े को बचाया

बिहार 2025 चुनाव: कांग्रेस के अशोक गहलोत ने RJD से एकता का आश्वासन, सीट‑साझा झगड़े को बचाया

जब अशोक गहलोत, सीनियर कांग्रेस नेता और भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) ने लालू प्रसाद यादव, RJD के सुप्रमो और उनके पुत्र तेजस्वी यादव, RJD के नेता से पटना में 23 अक्टूबर 2024 को मुलाक़ात की, तब से बिहार के राजनीतिक माहौल में हलचल बनी हुई है। यह बैठक पटना, बिहार के RJD मुख्यालय में हुई, जहाँ दोनों पक्षों ने गठबंधन की एकजुटता को फिर से उजागर करने की कोशिश की। क्रिष्णा अल्लावारु, AICC बिहार इंचार्ज भी साथ थे, जो कांग्रेस‑केंद्र की तरफ़ से एंट्री को सुदृढ़ करने में मदद कर रहे थे।<\/p>

बिहार चुनाव 2025 का राजनीतिक परिदृश्य

बिहार विधानसभा चुनाव 2025, जिसे बिहार विधानसभा चुनावबिहार कहा जाता है, दो चरणों में हो रहा है। पहला चरण 6 नवंबर 2024 को 121 सीटों के लिए और दूसरा चरण 26 अक्टूबर 2024 को नॉमिनेशन समाप्ति की आखिरी तिथि के बाद 122 सीटों के लिए निर्धारित है। इस साल का चुनाव विशेष महत्व रखता है क्योंकि एनडीए‑भीतरी गठबंधन और INDIA‑ब्लॉक दोनों ने अपने‑अपने गठबंधन को फिर से व्यवस्थित करने के लिए भारी संघर्ष किया है।

अशोक गहलोत‑लालू‑तेजस्वी बैठक के मुख्य बिंदु

बैठक में गहलोत ने खुले तौर पर कहा कि "हमारा गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है और शक्ति के साथ चुनाव लड़ रहा है"। उन्होंने भाजपा की भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा बिहार में चलाए जा रहे "स्पॉन्सर्ड कैंपेन" का भी जिक्र किया, जो विरोधी गठबंधन में दरार दिखाने की कोशिश के रूप में देखी गई। लाला और तेजस्वी ने भी इस बात की पुष्टि की कि "गठबंधन में कोई विवाद नहीं है" और आगे के बयानों के लिए 24 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस का इंतजार किया जाए।

सीट‑साझा विवाद और छोटे गठबंधनों की भूमिका

हालांकि सार्वजनिक तौर पर एकजुटता की भाषा बोली जा रही है, लेकिन सीट‑साझा की उलझनें अभी भी चल रही हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पहले ही महागठबंधन से बाहर होकर 6 सीटें स्वतंत्र रूप से लड़ने का इरादा जताया। VIP (विकासशील इंसान पार्टी) के प्रमुख मुकेश साहनी ने शुरू में 18 सीटें मांगी थीं, पर कांग्रेस के राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद 15 सीटों तक समझौता किया। कांग्रेस ने महाराजगंज सीट छोड़ दी, जहाँ विषाल जेलस्वाल को RJD ने प्रत्याशी बनाया। इस तरह छोटे दलों की मांगें, चाहे वह HAM हो या CPI(ML), वोटों के सुदृढ़ीकरण में अहम भूमिका निभा रही हैं।

एनडीए की प्रतिक्रिया और आगामी रणनीतियाँ

एनडीए पक्ष से केंद्र के गृह मंत्री अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री ने 16 अक्टूबर को कहा कि नए चुने गए एनडीए विधायक मुख्यमंत्री का चयन करेंगे, जिससे एनडीए के भीतर हलचल तेज़ हुई। बाद में उन्होंने नितिश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री से 15‑मिनट की मुलाक़ात की, ताकि जेडी(यू) के भीतर सीट‑साझा को लेकर असंतोष कम किया जा सके। अमित शाह ने यह भी साफ़ कहा कि "एनडीए का सीएम फिर नितिश कुमार ही रहेगा"। यह स्पष्ट करता है कि एनडीए अपने-अपने गठबंधन को बरकरार रखने के लिए भी तेज़ी से बातों को सुलझा रहा है।

भविष्य की संभावनाएँ और अगला कदम

दिन‑ब-दिन नॉमिनेशन की आखिरी तिथि नजदीक आती जा रही है, और अभी तक भारत राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के लिए एक स्पष्ट सूची नहीं बन पाए है। 24 अक्टूबर को निर्धारित प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत और तेजस्वी दोनों ही सभी सवालों के जवाब देंगे, उम्मीद है कि सीट‑साझा के बकवास मुद्दे स्पष्ट हो जाएंगे। अगर गठबंधन सफल रहता है, तो यह बिहार में बदलाव का प्रमुख संकेतक बन सकता है, क्योंकि मतदाता अब स्थिरता और विकास की माँग कर रहे हैं। दूसरी ओर, अगर छोटे दलों के साथ विवाद फिर से उठते हैं, तो यह एक बंटवारा‑मूवी की तरह सामने आ सकता है, जिससे एनडीए को भी अपने‑अपने सीट‑साझा के साथ नई रणनीति बनानी पड़ेगी।

  • नॉमिनेशन की अंतिम तिथि: 26 अक्टूबर 2024 (दूसरा चरण)
  • पहला चरण मतदान: 6 नवंबर 2024, 121 सीटें
  • मुख्य गठबंधन: INDIA‑ब्लॉक (Congress, RJD, VJP, VIP आदि) बनाम NDA (BJP, JD(U), LJP‑Ram Vilas)
  • छोटे दलों की भूमिका: JMM, HAM, CPI(ML) संभावित किंगमेकर
  • बिहार का संभावित सीएम: तेजस्वी यादव (INDIA), नितिश कुमार (NDA) के बीच प्रतिस्पर्धा

Frequently Asked Questions

INDIA ब्लॉक में सीट‑साझा विवाद का मुख्य कारण क्या है?

मुख्य कारण यह है कि कांग्रेस, RJD और छोटे दलों ने अलग‑अलग क्षेत्रों में अग्रणी प्रत्याशी तय कर ली हैं, जिससे एक ही सीट पर दो या तीन पार्टियों के उम्मीदवार खड़े हो रहे हैं। JMM का बाहर निकलना और VIP की सीट‑कीमत को लेकर हुए मोल‑तोल ने इस तनाव को और बढ़ा दिया।

बिहार में NDA की वर्तमान पहचान क्या है?

NDA का प्रमुख नेता भाजपा है, और जेडी(यू) के साथ मिलकर राज्य में दो‑तीन सीटें बाँटने की कोशिश कर रहा है। अमित शाह ने नितिश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री रखने का आश्वासन दिया है, जबकि लूटे‑फुटे सीट‑वाटां पर चर्चा जारी है।

तेजस्वी यादव को प्रमुख चेहरा बनाने का क्या मतलब है?

कांग्रेस के सांसद अखिलेश सिंह ने कहा है कि तेजस्वी यादव को महागठबंधन का चेहरा बनाया जाएगा, जिससे युवा और मुसलमान वोटरों को आकर्षित किया जा सकेगा। हालांकि अभी तक इस बात की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

बिहार में छोटे दलों की महत्ता क्यों बढ़ रही है?

बिहार की 243 सीटों में कई बार मतों का अंतर कुछ सौ में ही रहता है। इसलिए HAM, CPI(ML), VIP जैसी पार्टियों की वोट बँटाव के बाद परिणाम तय हो सकता है, जिससे वे ‘किंगमेकर’ बनते हैं।

अगले प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या घोषणा की उम्मीद है?

24 अक्टूबर को गहलोत और तेजस्वी दोनों ही सभी सीट‑साझा मुद्दों पर स्पष्ट जवाब देंगे, संभावित रूप से एक संयुक्त उम्मीदवार सूची जारी करेंगे और यह भी बताएंगे कि गठबंधन को किन‑किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।